Anxiety in Child : Signs & Symptoms

anxiety

जानिए क्या होते है बच्चो में Anxiety के लक्षण

“बच्चा इधर उधर दौड़ता रहता है”

“वह किसी की सुनता ही नहीं है”

“उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है”

“वह स्कूल जाने से कतराता है”

इस तरह की शिकायत अक्सर कई Parents करते रहते है।  उनको लगता है बच्चा बदमाश हो गया है।  लेकिन ऐसा मानना हमेशा सही नहीं होता।  हो सकता है आपका बच्चा कीसी मानसिक समस्या से जूझ रहा हो।  बच्चा बदमाश नहीं बल्कि बीमार भी हो सकता है। लेकिन पेरेन्ट्स की समस्या है इसे कैसे पहचाने ?

 

१३ साल की व्योमा पिछले दो तीन हप्ते से काफी चिड़चिड़ी हो गई थी।  मम्मी उसे कुछ भी कहती तो वह उल्टा जवाब दे देती थी।  वो अपने पापा या भाई से अच्छी तरह से बात नहीं करती थी।  उसने अपने दोस्तों से भी बातचीत करना बंध कर दिया था।  वो ज्यादा वख्त अपने कमरे में ही रहती थी।  वह कई बार काफी बेचैनी में नजर आती थी। पेरेन्ट्स को लगा कुछ गड़बड़ जरूर है। उन्होंने मेडिकल हेल्प लेने का सोचा।

व्योमा को जब मेरे पास लाया गया तब उसकी मम्मी ने मुझे कहा, “डॉक्टर उसे पूछ लो की घरमे वह मुँह फुला के क्यों घूम रही है ? उसको किस बात की परेशानी है ? अरे में मम्मी हूँ उसकी मुझसे कुछ कहे भी।

मैंने व्योमा को अपने पास बुलाया और ऐसा कुछ नहीं पूछा जो उसकी मम्मी चाहती थी।  बल्कि मैंने पहले उसकी स्कूल के बारे में पूछा।  फिर इधर उधर की बातें की। फिर उसकी Study के बारे में और उसके दोस्तों के बारे में पूछा। इस बीच व्योमा को किसी भी बात से टोका नहीं। सारी बाते उसकी आँखों में आँखे  डाल कर की।

दो चार ऐसे Sessions के बाद व्योमा ने बताया की वह नई स्कूल में गई थी।  School Bus में पहले ही दिन उसकी Senior के साथ कुछ बहस हो गई। इसके बाद Sernior ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे परेशान करना शुरू कर दिया। वह चाहकर भी यह बात किसी को नहीं बता पाई।

मैंने उसे प्यार से समझाया की इसमें उसे परेशान होने की जरुरत नहीं है। तुम्हारी मम्मा बहुत ही अच्छी है और वह तुम्हे बहुत चाहती है। हो सकता है उसका तुम्हारी परेशानी की जड़ समज़ने का और तुमसे पूछताछ करने का तरीका सही न हो।

फिर मैंने व्योमा की मम्मा को सारी बाते बताई और उसके टीचर को मिलकर इस समस्या का हल कैसे लाना।

व्योमा की मम्मी अगले ही दिन टीचर से मिली उन्हें  सारी बाते शांति से बताई।

टीचरने सीनियर लड़की को बुलाकर डाँटा। उसके बाद उसने या उसके दोस्तों ने व्योमा को कभी परेशान नहीं किया। व्योमा नॉर्मल हो गई।

व्योमा Anxiety का शिकार हो गई थी और अपने आप से जूझ रही थी। बात चीत के दौरान मैंने व्योमा में Childhood Anxiety के कई लक्षण पाए।

बच्चो में Anxiety के लक्षण क्या होते है ? कैसे पहचाने की बच्चा Anxiety में है ? उसके कुछ लक्षण ऐसे होते है।

– बच्चे का बैचेन या गभराहट में रहना।

– ज्यादातर गुमसुम रहना।

– खेलने न जाना।

– दिल की धड़कने बढ़ना।

– सांस लेने में दिक्कत होना।

– मुंह सुखना।

– हकलाने लगना।

– कांपना

– उल्टी आने को होना या उल्टी होना।

– बार बार शू-शू पोटी करना।

– थकान सिरदर्द, पेट दर्द आदि रहना।

– ठीक क्र पढ़ाई न कर पाना।

– इम्तेहान में नंबर कम लाना।

– स्कूल  जाने से कतराना।

– बिना किसी बात के चीड़ चिड़ा रहना।

– छोटे मौटे फैसले भी न ले पाना।

– फ्रेंडस से बचना।

– अकेले रहना।

– बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना।

– बहुत ज्यादा या बहुत कम खाना।

इसमें से कुछ भी लक्षण आपके बच्चे में पाए जाए तो बच्चे को शरारती, शैतान, बिगड़ा हुआ या बदमाश न समझना। उसके साथ नाराज हो क्र बात मत करना।  डाँटना तो कभी भी नहीं। उसे प्यार से समझाना। इधर-उधर की बाते करके बच्चे का प्यार से समझाना वह अपना दिल न खोले वहा तक धैर्य रखकर उसका विश्वास जीतना। उसके प्यारे दोस्त बन जाना। बच्चा अपनी परेशानी की Anxiety की वजह बताएगा उसको समाज़दारी से Solve करना या मनोचिकित्सक से मिलने से ज़रा सा भी मत हिचकिचाना।