Corona Warriors के Burnt Out को पहचानिये
गोरखपुर उत्तरप्रदेश के निवासी और दिल्ही के प्राइवेट कोविड अस्पताल में रोजाना सात से आठ मरीज को ICU में Critical Care देनेवाले युवा और होनहार तबीब डॉ. विवेक राय ने तनाव और डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या की है। खुद में सारी Skills होने के बावजूद Oxygen, ICU bed और Ventilator के अभाव से मरीजों को मरते हुए देख कर पीछले कुछ दिनों से दो. विवेक बेबश, लाचार और हताश थे।
नमस्कार संवेदना हॉस्पिटल अहमदाबाद से में मनोचिकिसक डॉ. मृगेश वैष्णव आज बात करूँगा Corona Warriors और बर्नआउट की, थके हुए, असहाय हताश तबीबों की।
डॉ. विवेक उस बात से परेशान थे की मानव जीवन की रक्षा के लीये जरूरी प्राथमिक सुविधाए अस्पताल में उपलब्ध नहीं है और लोग Dirty Politics खेलनेमें और आरोप प्रत्यारोप में लगे है। इस खोखली System का एक मूक और असहाय दर्शक बने रहेने के बजाय उन्होंने आत्महत्या करना पसंद किया।
डॉ. विवेक अपने पीछे अपनी पत्नी को बिलखती हुई छोड़ गए है जो पेट से है।
अहमदाबाद में Govt ने नौ सो बेड्स की धन्वन्तरी Covid अस्पताल GMDC मैदान में हाल ही में शुरू की। उसमे भरती होने के कुछ ऐसे नियम बनाये की घंटो इंतजार करके थके मरीजों के रिशतेदारोने महिला सहित कई Junior तबीबों को टेन्ट में घुसकर मारा-पीटा
अरे क्या कर रहे है ये आप ?
में समझता हूँ की आप हताश है, थके हुए है, स्वजनकी स्वास्थ्य को ले के चिंतित है, गुस्से में है तो क्या आप का गुस्सा आप कही पर भी यानी थके हुए Corona Warriors, Doctors, Sisters, हेल्थकेर वर्कर्स, पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी को दंड दे के निकालोगे ?
आखिर क्यों ?
कोविड ड्यूटी क्र रहे या अन्य मरीजों की सारवार कर रहे सारे जूनियर और सीनियर डॉक्टर्स भी लम्बे समय से परेशान है, थके हुए है, वो IPL Indian Pass time League नहीं देख रहे है। वो भी खुद को ले के चिंतित है की कही उनको तो कोविड नहीं हो जाएगा ? उनके परिवारजन उनकी वजह से तो संक्रमित नहीं हो जाएंगे ? अगर हो गए तो हॉस्पिटल में बेड और ऑक्सीजन तो उनको भी नहीं मिलनेवाली है। कई डॉक्टर्स Anti Depressant एन्टी डिप्रेसेंट्स, एन्टी एन्जायटी और सोने की दवाइयाँ खा रहे है।
काफी मात्रा में जूनियर डॉक्टर्स के मुझ पर कॉल्स आ रहे है। इनमे से कई Anxiety, Depression,क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (Chronic Fatigue Syndrome) और साइकोसोमेटिक डीसऑर्डर इत्यादी से पीड़ित है। उनकी समस्याओ का आप को अंदाज़ा है ?
वे पोस्टग्रेज्युएशन क्र रहे है किसी और ब्रांच में, जिसके मरीज़ एक साल से उन्होंने देखे नहीं, उनको training नहीं मिली, Classes नहीं हुए फिरभी पांच-सात लाख की सालाना Fees भरी और ड्यूटी की कोविड की। पढ़ने का Time मिलता नहीं है और Exams, ऐंट्रन्स टेस्ट कब आ जाएंगे वह पता नहीं है। किसी की शादी नहीं हुई है, तो कोई शादी करके बीबी के साथ नहीं रह सकता है। किसीको Undergraduate की २०-२५ लाख तो किसी को Post Graduation की ३०-३५ लाख की Educational Loan भरने की चिंता है। ऐसी तो कई समस्याए है। यह सारी बातें कहनेका मेरा मतलब ये नहीं है की आप इन पर तरस खाओ. वो बेचारे है. लेकिन में इतना ही समझाना चाहता हूँ की जितने आप थके हुए है, हताश है, परेशान है जैसे ही उनके हालात है। बस इतना समझो
और अंत में एक प्रार्थना श्री माननीय प्रधानमंत्रीजी से….. सर आपने 3rd M.B.B.S. के Students को Covid Duty पर लगने को कहा है। जरूर ड्यूटी करेंगे, लेकिन एक छोटी सी गुजारिश आपसे की उनकी सालाना चार-पांच लाख की Fees कृपया माफ़ कर दीजिये और बच्चो का खर्चा पानी निकले उतना स्टाइपेंड भी दे दीजिये।
नमस्कार, जय हिन्द।
Stay at Home, Stay Safe